चाहिये दोस्तों अब कितने जवाब ,
साँस लेने का होता नहीं है हिसाब !
देख कर आपकी नज़र की दुआ ,
भूल जायें जहाँ भर के हम गुलाब
जाते जाते था कहकशां का सबब,
साँस लेने का होता नहीं है हिसाब !
देख कर आपकी नज़र की दुआ ,
भूल जायें जहाँ भर के हम गुलाब
जाते जाते था कहकशां का सबब,
आते आते तो बस सिफ़र था जनाब!
जाग कर ख्वाब का सामना कीजिये,
नींद की ज्यादती हो न जाये खराब
आईये कि ये शहर पुकारा करे ,
नींद की ज्यादती हो न जाये खराब
आईये कि ये शहर पुकारा करे ,
होंगे अपने गली के भले ही नवाब
सुन साकी कि हमको दो हर्फ़ बहुत,
क्या पैमाना ख़ास ,क्या महंगी शराब
हर घड़ी छोड़ देता है वाजिब सवाल,
ए खुदा! तू भी कितना है लाजवाब
दीजिये नील स्याही काग़ज़ कलम
लीजिये बावफा लिख दिया इक़ किताब
****************
बावफा : loyal ,कृतज्ञ
सुन साकी कि हमको दो हर्फ़ बहुत,
क्या पैमाना ख़ास ,क्या महंगी शराब
हर घड़ी छोड़ देता है वाजिब सवाल,
ए खुदा! तू भी कितना है लाजवाब
दीजिये नील स्याही काग़ज़ कलम
लीजिये बावफा लिख दिया इक़ किताब
****************
बावफा : loyal ,कृतज्ञ
कहकशां : universe
सिफ़र : शुन्य ,zero
बहुत खूब अभिव्यक्ति।
ReplyDeletedhanyavaad praveen ji
ReplyDeletebahut aabhaar